Lav Agarwal appointed Joint Secretary- Health & Family Welfare

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Lav Agarwal IAS_indianbureaucracy
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Shri Lav Agarwal IAS (Andhra Pradesh 1996) has been appointed as Joint Secretary, Department of Health & Family Welfare from the date of assumption of the charge of the post for a period of five years or until further orders, whichever is earlier, vice Shri Anshu Prakash IAS (UT 1986).

IndianBureaucracy.com wishes Shri Lav Agarwal the very best.

7 Comments

  1. it is nice to know that Sri Lav Agrawal, an efficient IAS officer had been appointed as Joint Secy , Min of Health and Family welfare. He is an efficient and effective officer. His background, zeal to work with innovation is highly appreciated. His contribution will be a landmark in this dept, GoI. God bless him. Prof LAXMAN RSO

  2. Hi sir all corona positive patient in Delhi shifted to populations free area make temporary hospital in China or convert to train all facilities like in hospitals and move to Delhi its batter ideas to save delhi or india .every big city or metro take like same action immediate or save others life suggestions or request please do .

  3. Hello sir maff karna please I am not a doktor but I want to share something with you agar hamare head tack hota hai ham vicks head per lgate hai thik ho jata hai jo corona ke pantion hai just try jab unko nhane ke liye bheje please water me kuch vicks aur detole mix karke natalya jaye jisko ham steam bath bolte hai kyoki vicks se unki body jhulegee sans acha jayega meri tamanna hai me apne desh ke liye kuch karu please just try if you can aapke sath apna naam jodna chahta hu please
    Thanks
    Gulshan Kumar Khurana
    9870160492

  4. Honourable Sir, The staff from, (1) Customs, (2) Police-Immigration and (3) Traffic Control at Visakhapatnam Port Trust are boarding various nation Ships on pretext of traditional check; as usually, interacting Foreigners, collecting compliments in the ways of, (1) Liquor, (2) Provisions and (3) available goods, stocking in their offices and commercialising them in the public localities. The said staff after interacting the crew of various nations, upon 30 berths in a day, mingling with inhabitants. The practice resulting in spread of the epidemic disease and in this regard orders may be issued to avert this defy in the interest of the fight back against the “Covid.” With regards……

  5. Kuldeep Agarwal Garg
    Sun, Apr 5, 9:50 AM (10 days ago)
    to ncov2019, ncov2019

    परम आदरणीय,
    नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी,
    प्रधानमंत्री, भारत सरकार,नई दिल्ली ।

    विषय : आकस्मिक आपदाओं के स्थायी प्रबंधन के उपायों के सुझावों के संबंध में ।

    प्रबुद्ध बुद्धिजीवी महाशय
    हम सब के परम आदरणीय मोदीजी ,
    आज के इस आकस्मिक (Covid-19) आपातकाल से जब विश्व की बड़ी से बड़ी अर्थव्यवस्थाए,महाशक्तियां अमेरिका,चीन, रूस,ब्रिटेन,स्पेन,इटली,जर्मनी,निजात पाने में अपने साधन और संसाधनों को नाकाफी समझ कर घुटने टेकने को तैयार है ।

    ऐसे हालात में भारत की सभ्यता, संस्कृति और भारत के प्रधानमंत्री की सोच,संयम, सूझबूझ का लोहा सारा संसार मानने को विवश हो गया है ।

    आज अगर हमने प्रत्येक 10 व्यक्तियों पर एक केअर टेकर की व्यवस्था कर ली होती तो इस महामारी से निजात पाना कितना आसान हो सकता था आवश्यकता महसूस की जा सकती है, इस अत्याधुनिक निकट भविष्य में विभिन्न देश जब अपने आप को सुपर पावर बनाने की इस अंधी जंग में इस प्रकार के अनेकानेक केमिकल वेपन बनाने के प्रयास/प्रयोग करते रहेंगे । दिन प्रतिदिन बेलगाम बढ़ती आबादी और विशेषकर इन 21 दिनों की बंदी के परिणामस्वरूप बढ़ने वाली आबादी का परिणाम तो नवम्बर, दिसम्बर 2020 को आनेवाला है यानी कि, दिन प्रतिदिन हमारे काबू से बाहर होती जाएगी ,ऐसे में इस समय से बेहतर समय (13दिन या और 21 दिन बढ़ा कर) निकट भविष्य में नही मिलने वाला ,जब कि भारत अपनी समस्त समस्याओ/कामियों /कमजोरियों को बेहतर ढंग से देख व समझ सकता है और इन्हें दुरुस्त करने के लिए एक कॉमन प्रोग्राम बना सकता है केवल समझ कर विचार करने की ही देर है ।

    इसी कार्य कौशल और भारत की चराचर निपुणता की नींव को और गहरा व मजबूत बनाने हेतु आपके समक्ष कुछ छोटे छोटे विचारो की सम्पूर्ण शोध प्रेषित है कृपया आकस्मिक आपातकाल की गंभीरता भरे शब्दो की दूरदर्शिता और गंभीरता को अपने नजरिये से देखते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने की अतिशीघ् चेष्टा करें ।

    मेरी शोध ” देश मे उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रयोग से देश का पुनर्निर्माण ”
    के माध्यम से देश के 6 लाख 40 हजार गाँवो ,724 शहर,कस्बों और इन गांवों में बसे हुए प्रत्येक 10 व्यक्तियों को केंद्र से मिलने वाली केंद्रीय योजनाओं के लाभ पाने हेतु सही-सही पात्र (NPR)लाभार्थियों की गड़ना के साथ साथ पूर्ण प्रबंधन (CAA)होने से देश की अर्थव्यवस्था पर कोई अतिरिक्त भार नही पड़ेगा ,पैसे का दुरुपयोग रोकने पर अन्य जनता पर अतिरिक्त टैक्स की मार नही होगी।

    सबसे अहम लाभ ” एकलव्य एक लक्ष्य ” योजना के अंतर्गत देश का प्रत्येक गाँव स्वयं एक अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा जिसमे नाली,खड़ंजा,स्ट्रीट लाइट ,स्कूल-कॉलेज, खसरा-खतौनी,कोर्ट-कचहरी,पढ़ाई-लिखाई,स्वास्थ्य, सड़क,बिजली,स्वच्छ पेय जल,आमोद-प्रमोद के साथ साथ रोजी-रोजगार के लिये शिक्षण-प्रशिक्षण और सबसे खास बात कि इन सब चीजों की निगरानी देश का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद,विधायक अपने मोबाइल व कंप्यूटर पर देखते बात करते हुए स्वयं स्थिति का जायजा ले सकता हैं और आवश्यक निर्देश जारी कर सकता है,हो गई न पूरी अर्थव्यवस्था उंगलियों और मुट्ठी में ।

    परम् आदरणीय मोदीजी मेरी ये शोध ” देश मे उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रयोग से देश का पुनर्निर्माण ” एक राष्ट्रप्रमुख के लिए एक ब्रह्मास्त्र है, जो कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से अधिक कारगर और प्रभावशाली सिद्ध होगी और देश की प्रत्येक समस्या का निराकरण भी इसी से आपके कर कमलों द्वारा पूरा हो सकेगा ।

    आपके अनुकर्णीय और समय से उठाए गए समस्त निर्णय इस देश और समाज के लोगो के लिए पथ प्रदर्शक और मार्ग दर्शक सिद्ध हो रहे है,अतः नमन है आपको ।।

    आपका अनुज,
    डॉ कुलदीप गर्ग (अग्रवाल) 9415047494,8765317700

  6. परम आदरणीय,
    नरेंद्र दामोदर दास मोदी जी,
    प्रधानमंत्री, भारत सरकार,नई दिल्ली ।

    विषय : आकस्मिक आपदाओं के स्थायी प्रबंधन के उपायों के सुझावों के संबंध में ।

    प्रबुद्ध बुद्धिजीवी महाशय
    हम सब के परम आदरणीय मोदीजी ,
    आज के इस आकस्मिक (Covid-19) आपातकाल से जब विश्व की बड़ी से बड़ी अर्थव्यवस्थाए,महाशक्तियां अमेरिका,चीन, रूस,ब्रिटेन,स्पेन,इटली,जर्मनी,निजात पाने में अपने साधन और संसाधनों को नाकाफी समझ कर घुटने टेकने को तैयार है ।

    ऐसे हालात में भारत की सभ्यता, संस्कृति और भारत के प्रधानमंत्री की सोच,संयम, सूझबूझ का लोहा सारा संसार मानने को विवश हो गया है ।

    आज अगर हमने प्रत्येक 10 व्यक्तियों पर एक केअर टेकर की व्यवस्था कर ली होती तो इस महामारी से निजात पाना कितना आसान हो सकता था आवश्यकता महसूस की जा सकती है, इस अत्याधुनिक निकट भविष्य में विभिन्न देश जब अपने आप को सुपर पावर बनाने की इस अंधी जंग में इस प्रकार के अनेकानेक केमिकल वेपन बनाने के प्रयास/प्रयोग करते रहेंगे । दिन प्रतिदिन बेलगाम बढ़ती आबादी और विशेषकर इन 21 दिनों की बंदी के परिणामस्वरूप बढ़ने वाली आबादी का परिणाम तो नवम्बर, दिसम्बर 2020 को आनेवाला है यानी कि, दिन प्रतिदिन हमारे काबू से बाहर होती जाएगी ,ऐसे में इस समय से बेहतर समय (13दिन या और 21 दिन बढ़ा कर) निकट भविष्य में नही मिलने वाला ,जब कि भारत अपनी समस्त समस्याओ/कामियों /कमजोरियों को बेहतर ढंग से देख व समझ सकता है और इन्हें दुरुस्त करने के लिए एक कॉमन प्रोग्राम बना सकता है केवल समझ कर विचार करने की ही देर है ।

    इसी कार्य कौशल और भारत की चराचर निपुणता की नींव को और गहरा व मजबूत बनाने हेतु आपके समक्ष कुछ छोटे छोटे विचारो की सम्पूर्ण शोध प्रेषित है कृपया आकस्मिक आपातकाल की गंभीरता भरे शब्दो की दूरदर्शिता और गंभीरता को अपने नजरिये से देखते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करने की अतिशीघ् चेष्टा करें ।

    मेरी शोध ” देश मे उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रयोग से देश का पुनर्निर्माण ”
    के माध्यम से देश के 6 लाख 40 हजार गाँवो ,724 शहर,कस्बों और इन गांवों में बसे हुए प्रत्येक 10 व्यक्तियों को केंद्र से मिलने वाली केंद्रीय योजनाओं के लाभ पाने हेतु सही-सही पात्र (NPR)लाभार्थियों की गड़ना के साथ साथ पूर्ण प्रबंधन (CAA)होने से देश की अर्थव्यवस्था पर कोई अतिरिक्त भार नही पड़ेगा ,पैसे का दुरुपयोग रोकने पर अन्य जनता पर अतिरिक्त टैक्स की मार नही होगी।

    सबसे अहम लाभ ” एकलव्य एक लक्ष्य ” योजना के अंतर्गत देश का प्रत्येक गाँव स्वयं एक अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा जिसमे नाली,खड़ंजा,स्ट्रीट लाइट ,स्कूल-कॉलेज, खसरा-खतौनी,कोर्ट-कचहरी,पढ़ाई-लिखाई,स्वास्थ्य, सड़क,बिजली,स्वच्छ पेय जल,आमोद-प्रमोद के साथ साथ रोजी-रोजगार के लिये शिक्षण-प्रशिक्षण और सबसे खास बात कि इन सब चीजों की निगरानी देश का प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, सांसद,विधायक अपने मोबाइल व कंप्यूटर पर देखते बात करते हुए स्वयं स्थिति का जायजा ले सकता हैं और आवश्यक निर्देश जारी कर सकता है,हो गई न पूरी अर्थव्यवस्था उंगलियों और मुट्ठी में ।

    परम् आदरणीय मोदीजी मेरी ये शोध ” देश मे उपलब्ध संसाधनों के बेहतर प्रयोग से देश का पुनर्निर्माण ” एक राष्ट्रप्रमुख के लिए एक ब्रह्मास्त्र है, जो कि ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी से अधिक कारगर और प्रभावशाली सिद्ध होगी और देश की प्रत्येक समस्या का निराकरण भी इसी से आपके कर कमलों द्वारा पूरा हो सकेगा ।

    आपके अनुकर्णीय और समय से उठाए गए समस्त निर्णय इस देश और समाज के लोगो के लिए पथ प्रदर्शक और मार्ग दर्शक सिद्ध हो रहे है,अतः नमन है आपको ।।

    आपका अनुज,
    डॉ कुलदीप गर्ग (अग्रवाल) 9415047494,8765317700

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